नेता व्यक्तित्व

ENFJ-A / ENFJ-T

“नेता” व्यक्तित्व

आप जो भी करते हैं, वह बाहर संचालित होकर दूसरों को प्रभावित करता है। आपकी मुद्रा आपके दिल को खुश करती है या घबराहट का संचालन कर सकती है। आपकी सांस या तो प्यार फैलाती है या एक कमरे को उदासी के रंग में रंग सकती है। आपकी एक नज़र खुशियाँ जगा सकती हैं। आपके शब्द स्वाधीनता को प्रेरित कर सकते हैं। आपका हरेक कार्य दिलों और दिमाग को खोल सकता है।

David Deida

धुरंधर जन्मजात नेता होते हैं, उनमें जुनून और प्रतिभा कूट-कूट कर भरी होती है। जनसंख्या का लगभग दो प्रतिशत हिस्सा लेकर, इस व्यक्तित्व के लोग अक्सर हमारे राजनेता, प्रशिक्षक, और अध्यापक होते हैं, ये आगे बढ़कर दूसरों को सफलता का शिखर छूने और दुनिया में अच्छा करने के लिए प्रेरित करते हैं। एक ऐसे प्राकृतिक आत्मविश्वास सहित जोकि प्रभुत्व को प्रेरित करता है, ये धुरंधर दूसरों का मार्गदर्शन करने और उनके साथ मिलकर स्वयं को और समुदाय को बेहतर बनाने में काफी गर्व और ख़ुशी महसूस करते हैं।

“नेता” व्यक्तित्व (ENFJ-A / ENFJ-T)

लोगों पर दृढ़ विश्वास रखने वाले

लोग प्रबल व्यक्तित्व के इंसानों की ओर खिंचे चले आते हैं, और धुरंधर लोग सच्चाई, सहानुभूति व परोपकारिता की भावनाओं से भरे होते हैं, यदि उन्हें लगता है कि किसी चीज़ को व्यक्त करना ज़रूरी है तो वे उसे बोलने से नहीं डरते। उनके लिए संचार करना, ख़ासकर किसी से बातचीत करना, आसान और स्वाभाविक होता है, और धुरंधर लोग अपने व्यावहारिक स्वाभाव के सहयोग से तथ्य, तर्क या अपरिपक्व भावनाओं के द्वारा हर दिमाग को अंदर से झाँक लेते हैं। धुरंधर आसानी से लोगों की प्रेरणाओं और कदाचित असंगत घटनाओं को देख लेते हैं, और इन सब जानकारियों को शामिल कर उन्हें एक साझे उद्देश्य का रूप देकर वाकपटुता के साथ दूसरों को बताते हैं, जोकि किसी सम्मोहन से कम नहीं होता।

धुरंधर लोग सच्चे दिल से दूसरों में रूचि रखते हैं, और कभी-कभी तो अत्यधिक रुचि ले लेते हैं – ऐसे व्यक्तित्व के लोग जब किसी पर विश्वास करते हैं तो वे उनकी समस्याओं में फंस सकते हैं और उन पर अत्यधिक विश्वास भी कर सकते हैं। सौभाग्यवश, दूसरों पर यह विश्वास एक स्वपूर्ण होने वाली भविष्यवाणी बनने की प्रवृत्ति रखता है, क्योंकि धुरंधरों की परोपकारिता और सच्चापन उन लोगों को प्रेरित करता है जिनके बारे में वे चिंतित रहते हैं। लेकिन अगर ऐसे व्यक्तित्व वाले लोग सावधान न रहें तो वे अपनी आशावादिता को ज़रूरत से ज़्यादा विस्तारित कर सकते हैं, जो कभी-कभी उस हद तक पहुँच जाता है जिसके लिए उनमें तैयारी नहीं होती या वे वहाँ तक जाना नहीं चाहते।

धुरंधरों को एक और मुसीबत में फँसने की सम्भावना होती हैं: उनमें सोचने और अपनी भावनाओं का विश्लेषण करने की ज़बरदस्त क्षमता होती है, परन्तु अगर वे दूसरों की समस्याओं में ज़्यादा लीन हो जाते हैं तो वे एक भावनात्मक रोगभ्रम का शिकार हो सकते हैं जिसके कारण उनको दूसरों की समस्या अपने अंदर दिखाई देने लगती है, और वे एक ऐसी समस्या को सुलझाने में व्यस्त हो जाते हैं जो मौजूद है ही नहीं। अगर ऐसे व्यक्तित्व के लोग ऐसी अवस्था तक पहुँच जायें जहाँ वे किसी और के द्वारा अनुभव करने वाली सीमाओं के कारण खुद प्रतिबंधित होते हों तो यह धुरंधरों की उलझन से परे देखने की क्षमता को बाधित कर सकता है और परिणामस्वरुप कोई मदद नहीं कर पाता। ऐसा होने पर, यह महत्वपूर्ण है कि धुरंधर व्यक्ति पीछे लौटें और उस स्वचिंतन का यह अंतर करने के लिए उपयोग करें कि वे वास्तव में क्या महसूस करते हैं और वह भिन्न मामला क्या है जिसे दूसरे दृष्टिकोण से देखने की ज़रूरत है।

...हम जिस उद्देश्य को न्यायसंगत मानते हैं उसके लिए आवश्यक संघर्ष को हमें उस उद्देश्य को समर्थन देने से निरुत्साहित नहीं करना चाहिए

धुरंधर व्यक्तित्व के लोग भावुक परोपकार के सिद्धांत वाले होते हैं, कभी-कभी वे कुछ ज़्यादा ही भावुक हो उठते हैं और वे जिन लोगों और मुद्दों पर विश्वास करते हैं उनके लिए किसी भी हद तक जाने से डरते नहीं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि बहुत से जाने-माने धुरंधर प्रभावशाली राजनीतिक और सांस्कृतिक नेता हैं – इस व्यक्तित्व के लोग उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं, चाहे बात एक देश को समृद्धि की ओर ले जाने की हो या फिर अपने छोटे से सॉफ्टबॉल टीम को कठिनाई से भरे जीत की ओर बढ़ाने की हो।

धुरंधर जिनसे आप शायद परिचित हों